भारत में Angel Tax क्या होता है।


भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम में हाल ही में एक महत्वपूर्ण बदलाव आया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट
2024 में एंजल टैक्स (Angel Tax) को समाप्त करने की घोषणा की, जिससे स्टार्टअप्स और निवेशकों में उत्साह की लहर दौड़ गई है। लेकिन सवाल यह है कि एंजल टैक्स क्या था, इसका इतिहास क्या है, और इसका अंत भारतीय स्टार्टअप्स के लिए क्या मायने रखता है? आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से।

स्टार्टअप्स के लिए एंजल टैक्स समाप्त
स्टार्टअप्स के लिए एंजल टैक्स समाप्त


एंजल टैक्स का परिचय


एंजल टैक्स, जिसे आधिकारिक तौर पर आयकर अधिनियम की धारा 56(2)(vii b) के तहत परिभाषित किया गया है
, एक ऐसा कर था जो स्टार्टअप्स द्वारा एंजल निवेशकों से जुटाए गए फंड्स पर लगाया जाता था। यह कर तब लागू होता था जब जुटाए गए फंड्स कंपनी की उचित बाजार मूल्य (Fair Market Value) से अधिक होते थे। इस कर की शुरुआत
2012 के संघीय बजट में की गई थी, जब तत्कालीन वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने इसे पेश किया था।


एंजल टैक्स का उद्देश्य और इसके प्रभाव


एंजल टैक्स का मुख्य उद्देश्य मनी लॉन्ड्रिंग और फर्जी कंपनियों को रोकना था। 2012 में, इस टैक्स को लागू करने का तर्क था कि निवेश की आड़ में अवैध धन को वैध बनाना संभव है। इसके तहत, निवेशकों से प्राप्त अतिरिक्त राशि पर कर लगाया
जाता था जो कि स्टार्टअप की फेयर वैल्यू से अधिक होती थी।


हालांकि, इस टैक्स ने स्टार्टअप्स को काफी परेशान किया। कई स्टार्टअप्स ने इस कर को अत्यधिक और अन्यायपूर्ण बताया। उनका कहना था कि स्टार्टअप्स की उचित बाजार मूल्य की सही-सही गणना करना व्यावहारिक रूप से कठिन है। इसके अलावा, एसेसिंग ऑफिसर्स (Assessing Officers) अक्सर डिस्काउंटेड कैश फ्लो मेथड का उपयोग करते थे, जो कि टैक्स अधिकारियों के पक्ष में काम करता था।


2019 का सर्वेक्षण


2019 में, Local Circles द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण में दिखाया गया कि भारत में 50 लाख से 2 करोड़ रुपये के बीच पूंजी जुटाने वाले 73 प्रतिशत स्टार्टअप्स को आयकर विभाग से Angel Tax नोटिस प्राप्त हुए थे।


विदेशी निवेशकों पर प्रभाव


पहले यह टैक्स केवल घरेलू निवेशकों पर लागू होता था, लेकिन पिछले साल इसे विदेशी निवेशकों के साथ हुए लेन-देन पर भी लागू कर दिया गया।


सरकार के कदम


2019 के केंद्रीय बजट में, सरकार ने Angel Tax नियमों को आसान बनाया और Department for Promotion of Industry and Internal Trade (DPIIT) – पंजीकृत स्टार्टअप्स को इससे छूट दी। हालांकि, यह छूट केवल उन स्टार्टअप्स पर लागू होती थी जो Inter-Ministerial Board (IMB) द्वारा प्रमाणित होते थे।



IMB का रोल


IMB एक समूह है जो यह तय करता है कि कौन सा स्टार्टअप नवाचारी है और आयकर अधिनियम, 1961 के तहत लाभ पाने के योग्य है। वर्तमान में, DPIIT के साथ पंजीकृत 84,000 स्टार्टअप्स में से केवल 1 प्रतिशत से भी कम IMB प्रमाणित हैं।


हालिया स्थिति और एंजल टैक्स की समाप्ति


जुलाई 2024 के बजट में, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की कि एंजल टैक्स को समाप्त कर दिया जाएगा। इस निर्णय ने स्टार्टअप्स और निवेशकों को राहत दी है। इस घोषणा के साथ ही, स्टार्टअप्स को अब निवेश जुटाने में आसानी होगी और वे इनोवेशन पर अधिक खर्च कर सकेंगे।


सरकार की इस नई पहल के साथ, स्टार्टअप्स को एंजल टैक्स की वजह से जिन समस्याओं का सामना करना पड़ता था, वे समाप्त हो जाएंगी। अब स्टार्टअप्स को फंड जुटाने में आसानी होगी और विदेशी निवेश पर भी उन्हें किसी प्रकार की शंका का सामना नहीं करना पड़ेगा।


एंजल टैक्स के समाप्त होने के लाभ

  1. फंड जुटाना आसान: स्टार्टअप्स अब आसानी से फंड जुटा सकेंगे, जिससे वे अपने बिजनेस मॉडल को साकार कर सकेंगे।
  2. नौकरी के अवसर: एंजल टैक्स की समाप्ति से स्टार्टअप्स में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।
  3. इन्वेस्टमेंट पर जोर: स्टार्टअप्स अब अपनी इनोवेटिव योजनाओं पर अधिक खर्च कर सकेंगे और विकास की दिशा में तेजी से बढ़ सकेंगे।


निष्कर्ष

एंजल टैक्स का अंत भारतीय स्टार्टअप्स के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। यह बदलाव भारतीय स्टार्टअप्स को एक नया जीवनदान प्रदान करेगा, जिससे वे अपने व्यवसाय को नई ऊँचाइयों तक ले जा सकेंगे। वित्त मंत्री की इस पहल से स्टार्टअप इकोसिस्टम में न केवल सुधार होगा बल्कि यह भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास में भी योगदान देगा।

इस नए युग की शुरुआत का स्वागत करते हुए, स्टार्टअप्स और निवेशकों के लिए एक उज्ज्वल भविष्य की आशा है।


Angel Tax क्या है?


Angel Tax वह कर है जो स्टार्टअप्स द्वारा Angel Investors से जुटाए गए फंड्स पर लगाया जाता है, जब यह फंड्स कंपनी की फेयर मार्केट वैल्यू से अधिक होते हैं।


Angel Tax कब और क्यों लगाया गया था?


Angel Tax पहली बार 2012 में लगाया गया था ताकि मनी लॉन्ड्रिंग और फर्जी कंपनियों को रोका जा सके।


Angel Tax समाप्त होने के क्या फायदे हैं?


इससे स्टार्टअप्स के लिए फंड जुटाना आसान हो जाएगा, वे नवाचार पर अधिक खर्च कर सकेंगे और रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।


क्या Angel Tax केवल घरेलू निवेशकों पर लागू होता था?


पहले यह केवल घरेलू निवेशकों पर लागू होता था, लेकिन बाद में इसे विदेशी निवेशकों के साथ हुए लेन-देन पर भी लागू कर दिया गया।


IMB का क्या रोल है?


IMB Inter-Ministerial Board)एक समूह है जो यह तय करता है कि कौन सा स्टार्टअप नवाचारी है और आयकर अधिनियम के तहत लाभ पाने के योग्य है।

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