पेड़ अथवा वृक्ष प्रकृति का एक असाधारण उपहार है। हमारे जीवन का हर एक साँस पेड़ की देन है। तो इसीलिए पेड़ों के बारें मे जानना हमारे लिए बहुत जरूरी है। जिश पेड़ केलिए हम सभी जिंदा हैं, आज हम वही पेड़ के बारें मे कुछ सीखेंगे। पेड़ पौधों के बारें मे Trees in Hindi पर कुछ जानकारी देना यह आर्टिकल का लक्ष है।
Table of Contents
पेड़ का पर्यायवाची शब्द – Synonyms of Tree in Hindi
हिन्दी मे पेड़ के कुछ पर्यायवाची शब्द हैं । यानि पेड़ के कुछ अन्य नाम हैं। पेड़ के पर्यायवाची शब्द निम्न लिखित हैं।
- तरु
- वृक्ष
- द्रुम
- पादप
- रुक्ष
- गाछ
- शाखी
- वनस्पति
थोड़े छोटे आकार के पेड़ों को हम पौधा बुलाते हैं।
हमारा राष्ट्रीय पेड़ क्या है – Our National Tree
क्या आप जानते है National tree of India क्या है?
हमारा राष्ट्रीय पेड़ का नाम बरगद है। इंग्लिश मे बरगद को Banyan tree कहते हैं। इसका वैज्ञानिक नाम Ficus bengalensis है। बरगद हमारा राष्ट्रीय पेड़ के साथ साथ एक पूजनीय वृक्ष भी है।
बरगद के कुच्छ अन्य नाम हैं।
- बट वृक्ष
- कल्पवृक्ष
- बर गाछ
- अक्षयवट
- यक्षतरु
- यक्षवारुक
पेड़ों के भाग – Parts of Trees
जैसे प्राणियों और मनुष्य शरीर के अनेक अंग होते हैं, वेसे पेड़ पौधों के भी अंग होते हैं। पेड़ों के भाग कुछ ईश प्रकार के हैं।
- मूल यानि जड़ (प्राथमिक मूल, द्वितीयक मूल)
- पत्ती
- तना (स्तंभ)
- कलिका
- पुष्प यानि फूल
- फल
- साखायें, टहनी, डाल
- नॉड
- इंटरनॉड
- कांटा
- बीज
- अंकुर
- छाल
पेड़ों के प्रकार – Types of Trees in Hindi
पेड़ों की ऊंचाई, तना का आकार, साखायें का स्थिति आदि लक्षण को आधार करके पेड़ों के प्रकार को 3 श्रेणी किया गया है।
- शाक – हरे एबं कोमल तने वाले पौधे
- झाड़ी – कठोर एबं पतले तने वाले पेड़, जिनके साखायें तने के आधार के समीप निकलता है
- वृक्ष – ऊंचे और सुदृढ़ तने वाले पेड़, जिनमे साखायें भूमि के अधिक ऊंचाई पे होता है
पेड़ों के लाभ – Benefits of Trees in Hindi
पेड़ों के लाभ अनगिनत है। उन्मे से कुछ लाभ निम्न लिखित है।
- पेड़ हमारी वायुमंडल को साफ रखता है। वायु मे स्थित हानीकारक गैस को absorb कर लेता है और जीवन के लिए जरूरी आक्सिजन गैस को वायु मे छोड़ता है।
- भूमि क्षय होने से पेड़ बचाता है। पेड़ तथा वृक्ष के जड़ मिट्टी को मजबूती से पकड़ कर रखते हैं। और पेड़ों के पत्तियां हवा और वर्षा से भूमि की रक्षा करती है।
- वातावरण की तापमान पेड़ नियंत्रण मे रखते हैं।
- पेड़ों के कारण वर्षा होती है। और भूमि उर्वर रहता है।
- जलवायु परिवर्तन के असर को वृक्ष कम करता है।
- बाढ़ और चक्रवाद के प्रकोप को पेड़ों कम कर देते हैं। अधिकतम वृक्षारोपण करके वाढ की असर को कम किया जा सकता है।
- वृक्ष होने से भूमि की संपत्ति मूल्य अधिक हो सकता है।
- ज्यादा वृक्ष होने से वायुमंडल शीतल रहेगी, और हमारा ऊर्जा लागत कम हो सकता है।
- पेड़ पौधे बहुत सुंदर होते हैं। हर एक ऋतु मे प्रकृति को सुंदर बनाया रखने वाला और कोई नहीं, पेड़ ही है। घर की सुंदरता बढ़ाने केलिए पौधे लगाए जाते हैं।
- पेड़ पौधों में औषधीय गुण भरी रेहती है। बड़े बड़े रोग का निवारण केलिए पेड़ों से औषधी बनाया जाता है।
- हमारे ग्रंथों मे वृक्ष को पावन और पूज्य माना गया है। जहां पेड़ों का स्थिति है वहाँ की वातावरण मे शांति होती है।
- भोजन का स्रोत है पेड़।
पेड़ों का उपयोग – Use of Trees in Hindi
पेड़ हमारे लिए बहुत उपयोगी है। पेड़ों का कोई भी ऐसा भाग नहीं जो हमारे काम नहीं आता। पेड़ों का अवदान अतुलनीय है। कुछ पेड़ों का उपयोग निम्न लिखित हैं।
- कई पेड़ों की लकड़ी से सुंदर सुंदर फर्नीचर बनाई जाती है। सागौन, शीशम, साल, बाँज, महोगनी, मैपिल्, साटन, देवदार आदि पेड़ों की लकड़ी से अकर्षणीय असबाब बनाया जाता है। इनमे से सागौन और शीशम की लकड़ी से बनी असबाब बहुत मजबूत और टिकाऊ होता है।
- लगबघ सभी पेड़ों की सूखे पत्तियां, सूखे टहनी और साखायें जलाऊ लकड़ी की तरह उपयोग किया जाता है।
- बाजार मे उपलब्ध सारे फल, सब्जियां, साग, डाल, चावल और भी बहुत कुछ खाने पीने की सामग्री पेड़ों की ही देन है। प्रत्येक फल मे विटामिन और फ़ाइबर होती है, जो की हमारे सेहत केलिए लाभ दायक होता है।
- कई पेड़ों से अत्यंत महत्वपूर्ण औषधि बनाई जाती है। कुछ पेड़ों के पत्तों को मनुष्य कचा खाने से कुछ बीमारी का हल हो जाता है। तुलसी, नीम, ब्राम्ही, करीपत्ता, दूधिया घास, घृतकुमारी, आंवला, बहेड़ा, मेथी इत्यादि इसके कुछ उदाहरण है।
- कपास (Cotton), जूट (jute), अलसी (flax) आदि पेड़ों से हमे तंतु मिलते है। और तंतु से वस्त्र बनाया जाता है। प्राकृतिक तंतु से बनी वस्त्र skin केलिए अच्छा होता है। क्या आप जानते हैं fibre से fabric (तंतु से वस्त्र) कैसे बनता है?
- अनेक फूल के पेड़ हमे सुंदर और सुगंधित पुष्प प्रदान करते है। सजावट और पूजा केलिए हम फूलों का उपयोग करते है। सुगंधित फूलों का उपयोग करके अतर (perfume) भी बनाया जाता है। गुलाब, रजनीगंधा, चमेली (jasmine), पारिजात, सुगंधराज, लैवेंडर, चम्पा, चाँदनी (crape jasmine) आदि फूलों से सुगंधित अतर बनाया जाता है।
- क्या आपको पता है? किताब, नोट बुक और ऐसे अनेक दस्तावेज़ कागज के बने होते हैं। यह कागज बिभिन्न पेड़ों के छाल, पत्ते और लकड़ियों से प्राप्त सेलूलोज़ फाइबर से बनाया जाता है। मुख्य रूपसे स्प्रूस , चीड़ (pine), नीलगिरी, बांस, सबई घास, देवदार आदि पेड़ कागज उत्पादन केलिए उपयोग किए जाते हैं।
- वर्षों से महिलाएं मेंहदी का उपयोग अपनी सुंदरता बृद्धि केलिए करती आई हैं। हेयर डाई एबं मेंहदी की पेस्ट जैसे सौन्दर्य उत्पाद केलिए मेंहदी (Heena) पेड़ों की पत्तियाँ उपयोगी होते हैं। हर्बल Face Cream चेहरे की सुंदरता बढ़ाने केलिए इस्तेमाल किया जाता है। इन क्रीम को बनाने केलिए एलोवेरा, नींबू, नीम, हल्दी, चंदन, अनार, शहतूत (mulberry) इत्यादि और बिभिन्न प्राकृतिक तेल का सार उपयोप होता है।
- प्राकृतिक रबड़ का उत्पादन रबड़ पेड़ों की रस से होता है। वाहन के टायर, जूते, सुरक्षा दस्ताने, पेंसिल इरेज़र आदि बनाने केलिए रबड़ का उपयोग होता है।
- सुख और समृद्धि बढ़ाने, घर के भीतर वातावरण को शुद्ध रखने, आँगन की सुंदरता बढ़ाने हेतु आजकल घर के अंदर पेड़ पौधों को उगाना बहुत प्रचलित है। रबड़ के पौधे, बिगोनिआ, सांप का पौधा, कैक्टस, घृतकुमारी, Palm Plant इत्यादि छोटे पाधों को घर के भीतर उगाया जाता है।
पेड़ों का पोषण – पेड़ क्या खाते हैं – Nutrition in Plant
सभी herbivores यानि शाकाहारी प्राणियाँ भोजन केलिए पेड़ पाधों पर निर्भर करते हैं। क्या आपने कभी सोचा है ये पेड़ पौधे क्या आहार खाते है। आम तौर पर पेड़ अपना आहार खुद प्रस्तुत करते हैं। इसीलिए उनको स्वपोषी यानि Autotrophs कहा जाता है। पोषण की अधिक जानकारी केलिए यह article पोषण किस्से कहते हैं पढिए।
पत्ते पेड़ों की रसोईघर होता है, जहां खाद्य प्रस्तुत होता है। मिट्टी मे मौजूद जल और खनिज लवण जड़, तने और साखायें के जरिए पत्तियों तक पहुंच जाता है। पत्तियों मे स्थित छोटे छोटे रंध्रों से वायुमंडल मे स्थित कार्बन डाइआक्साइड प्रवेश करता है।
खाद्य प्रस्तुत करने केलिए जरूरी सामग्री अर्थात जल, खनिज लवण और कार्बन डाइआक्साइड पत्तियों तक तो पहुँच गए। पर पेड़ों की रसोईघर अर्थात पत्तियों को खाना तैयार करने केलिए ऊर्जा आवश्यक है। यह ऊर्जा को पत्तियाँ सौर प्रकाश से संग्रहण करते हैं। पत्तियों मे अनेक हरा वर्णक होते हैं, जिसको क्लोरोफिल ( Chlorophyll) कहा जाता है। यह क्लोरोफिल ऊर्जा संग्रहण मे पेड़ों को मदत करते हैं।
सौर प्रकाश कार्बन डाइआक्साइड + जल →→→→→→→→→→ कार्बोहाइड्रेट + ऑक्सीजन क्लोरोफिल
सौर ऊर्जा की मदत से पेड़ों के पत्ते जल, कार्बन डाइआक्साइड और खनिज लवण का उपयोग करके अपना भोजन प्रस्तुत करलेते हैं। इस प्रक्रिया को प्रकाश संश्लेषण (Photosynthesis) कहा जाता है। इस प्रक्रिया के दौरान, ऑक्सीजन का उत्पादन भी होता है। पृथ्वी पर सभी जीवों के जीवित रहने के लिए ऑक्सीजन अत्यावश्यक है।
इससे हम अंदाजा लगा सकते हैं कि जीवित रहने के लिए पेड़ों की भूमिका कितनी महत्वपूर्ण है। पेड़ पौधों के बिना पृथ्वी पर जीवन की कल्पना असंभव है। इसलिए हम सभी को वृक्षारोपण करनी चाहिए।
पेड़ों की कटाई का दुष्परिणाम – Cutting down Trees Effects
मानव अपने फायदे केलिए पेड़ों की कटाई वर्षों से करता आ रहा है। बड़े बड़े इमारत और उद्योग का निर्माण, कृषि केलिए भूमि खाली करना, लकड़ियों की आवश्यकता, पेड़ों की कटाई का कुछ कारण है। इस कारण से प्रकृति पर इसका प्रतिकूल प्रभाव देखने को मिलता है। पेड़ों की कटाई का बुरा प्रभाव पृथ्वी पर स्थित सभी जीवों पर पड़ता है। पेड़ों की कटाई का कुछ दुष्परिणाम निम्न लिखित हैं।
- पेड़ों की कटाई का सबसे भयानक प्रभावों मे से एक है अनेक पशु पक्षियों का जीवन हानी। पेड़ों की निरंतर कटाई होने से पशु पक्षी अपना प्राकृतिक वास खो देते हैं। फलस्वरूप, अनेक जंतुयों की कई प्रजाति पृथ्वी से विलुप्त हो गई हैं। यह पर्यावरण असंतुलन का एक कारण है।
- पेड़ों की कमी के कारण वायुमंडल मे green house gases ( कार्बन डाइआक्साइड, नाइट्रस आक्साइड, मीथेन, क्लोरो-फ्लोरो कार्बन इत्यादि हानीकारक गैस) की मात्रा निरंतर बढ़ रहा है। इस के कारण वायुमंडल की तापमान बढ़ रहा है।
- वायुमंडल मे हानीकारक गैस की मात्रा बढ़ने से, वायु प्रदूषण हो रहा है। वायु प्रदूषण के वजह से लोगों मे अनेकों बीमारी, खास कर साँस की समस्या और चर्म रोग देखा जाता है।
- वैज्ञानिक अनुसंधान से यह पता चला है, जंगलों की कटाई से पृथ्वी की Ozone Layer मे नुकसान हो रहा है। इस कारण सूरज की हानीकारक ultraviolet rays का कुप्रभाव मनुष्य, जंतुयों, समुद्री जीवों पर पड़ता है।
- जिस भूमि पर पेड़ों की कमी होती है, वहाँ की मिट्टी शुष्क और अनुपजाऊ होती है। वहाँ की भूमि मे कृषि संभब नहीं होता।
- तटवर्ती क्षेत्रों मे अक्सर बाढ़ आना और मिट्टी का नुकसान होना वृक्षों की कटाई का एक प्रमुख प्रभाव है।
- जलवायु परिवर्तन (Climate change) और ग्लोबल वार्मिंग का मुख्य कारण है पेड़ों की कटाई और जंगल की कमी। वायुमंडल की बढ़ती तापमान के साथ साथ ध्रुवों में ( north & south pole of the earth) तापमान बढ़ रहा है। इसके परिणामस्वरूप, ग्लेशियर तेजी से पिघलके समुद्र का जल स्तर बढ़ा रहा है।
- भूजल (ground water) यानि मीठा पानी कम होने का कारण वनों की कटाई है। पेड़ जल चक्र को बनाए रखने मे मुख्य भूमिका ग्रहण करते हैं। पेड़ों की कटाई के कारण जल चक्र पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है।
निष्कर्ष
इस आर्टिकल Trees in Hindi पढ़ने के बाद, आप जान गए होंगे पेड़ हमारा परम मित्र है। अगर प्रकृति को बचाए रखना है हम सभी को अधिक से अधिक वृक्षारोपण करना होगा और उनका रखरखाव भी करना होगा।
आशा करता हूँ आपको पेड़ों के बारें मे दी गई जानकारी अच्छा लगा होगा। इस आर्टिकल केलिए कुछ सुझाव है तो जरूर लिख कर कमेन्ट करें। कृपया अपने दोस्तों से इस आर्टिकल को शेयर कीजिए, ताकि इनको भी पेड़ों के महत्त्व पता चले।